1. जिस तरह जौहरी ही असली हीरे की पहचान कर सकता है , उसी तरह गुनी ही गुणवान की
पहचान कर सकता है –कबीर
2. गहरी नदी का जल प्रवाह शांत व गंभीर होता है – शेक्सपीयर
3. कुबेर भी यदि आय से अधिक व्यय करे तो निर्धन हो जाता है – चाणक्य
4. नरम शब्दों से सख्त दिलो को जीता जा सकता है – सुकरात
5. अप्रिय शब्द पशुओ को भी नहीं सुहाते है – गौतम बुद्ध
6. ठोकर लगती है और दर्द होता है तभी मनुष्य सीख पाटा है – महात्मा गांधी
7. जिसने ज्न्यान को आचरण में उतार लिया , उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया – विनोबा भावे
8.प्रत्येक व्यक्ति का भाग्य एक बार अवश्य उदय होता है। यह बात अलग है कि वह उसका कितना
लाभ उठाता है। -भृगु
9.भाग्य पर वह भरोसा करता है, जिसमें पौरुष नहीं होता। -प्रेमचंद
10.मृत अतीत को दफना दो, अनंत भविष्य तुम्हारे सामने है और स्मरण रखो कि प्रत्येक शब्द,
विचार और कर्म तुम्हारे भाग्य का निर्माण करता है। -विवेकानंद
11.अपने पुरुषार्थ से अर्जित ऐश्वर्य का ही दूसरा नाम सौभाग्य है।--अज्ञात
12.भाग्य साहसी मनुष्य की सहायता करता है। -वर्जिल
13.मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं ही निर्माता है। -स्वामी रामतीर्थ
14. जो दूसरो से घृणा करता है वह स्वय पतित होता है – स्वामी विवेकानंद
15. जो जैसा शुभ व अशुभ कार्य करता है , वो वैसा ही फल भोगता है – वेदव्यास
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